दुनिया में आध्यात्म शिक्षा फैलता बिहार भले ही कभी आपनी बेचारगी कि गाथा गता हो !परन्तुं अभी बिहार और हम बिहारी अपने पैरों में खरें होकर फिर से दुनिया को अपनी पैगाम और प्रतिभा दिखने के लिए तत्पर रहतें हैं !आज बिहार कालांतर कि तरह दुनिया से कदम से कदम मिलकर चलने को तैयार हैं !हम बिहारी सभी क्षत्रों में अपनी कलावों का जौहर दिखाकर भारत कि अग्रणी राज्यों में शुमार हो चुके हैं ,जहाँ अभी सुब कुछ संभव है !आज बिहार दिवस के विशेष अवसर कटिहार लाइव कि सक्रिय लेखिका ओली गुहा द्वारा प्रस्तुत आलेख ...............
आज हम गर्व से कहतें हैं कि हम बिहारी हैं
बिहार राज्य में फैले विहारों(बौध मठ) के कारण ही इस राज्य का नाम बिहार रखा गया ! बौध काल के सोलह महाजनपद में से तिन महाजनपद बज्जी-,अंग तथा मगध बिहार राज्य में ही हैं !मगध भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनी रही !भारत का तत्कालीन तीन विश्वविद्यालय नालंदा ,ओदंतपुरी और विक्रमशिला बिहार में ही स्थित थे !अंग्रेज ने भी १६५२ ई० में पटना में अपना व्यापारिक केंद्र बनाया !१९१७ ई० में चंपारण से ही महात्मा गाँधी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग शुरू किया था! २२ मार्च १९११ को दिल्ली में आयोजित शाही दरबार में बिहार ओड़िसा के क्षेत्र को बंगाल से पृथक कर एक नए प्रांत में संगठित किया है !इस दिन से बिहार राज्य का नाम आस्तित्व में आया और हम बिहार दिवस के रूप में मानाने लगे !१९३६ ई० बिहार से ओड़िसा को अलग कर नया प्रान्त बनाया गया ! एक बार पुनः राजनीति सरगर्मी के कारण १५ नवम्बर २००० को बिहार से उसका प्रिय अंग झारखण्ड अलग कर दिया गया ! हम बिहार बार-बार खंडित हुए पर हम बिखरें नहीं !यही बिहार जहाँ आर्यभट्ट जन्में ,यही बिहार जहाँ,बुद्ध , महावीर ,अशोक जैसे महापुरुष सत्य और अहिंसा का पथ संसार को पढाया ! वही बिहार है जहाँ राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश जैसे लाल जन्में !
कुछ दिन पूर्व महाराष्ट और असम जैसे राज्यों में बिहारियों के साथ जो घटनाएँ घटी वो आज भी हमारे जेहन में बसा है ,क्या हम हर गए ? नही,हमारा बिहार तो निरंतर आगे बढ़ रहा है और बढ़ता रहेगा !
कोण कहता है की आसमा में सुराग नही हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों ! यह लोकोक्ति सत्य हो रहा है ! हम मानतें हैं कि कुछ असमाजिक तत्वों ने हमारे राज्य में अशांति फैला रहा है लेकिन हम जरुर उससे छुटकारा पा लेंगें !आज बिहार कि चर्चा पुरे विश्व में हो रही है विकिलीक्स जैसे दुनिया में तहलका मचने वाली साईट पैर भी ........... इसलिए तो आज हम गर्व से कहतें हैं कि हम बिहारी हैं !!!!