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Tuesday, March 22, 2011

बिहार दिवस विशेष :कटिहार लाइव

दुनिया में आध्यात्म शिक्षा फैलता बिहार भले ही कभी आपनी बेचारगी कि गाथा गता हो !परन्तुं अभी बिहार  और हम बिहारी अपने पैरों में खरें होकर फिर से दुनिया को अपनी पैगाम और प्रतिभा दिखने के लिए तत्पर रहतें हैं !आज बिहार कालांतर कि तरह दुनिया से कदम से कदम मिलकर चलने को तैयार हैं !हम बिहारी सभी क्षत्रों में अपनी कलावों का जौहर दिखाकर भारत कि अग्रणी  राज्यों में शुमार हो चुके हैं ,जहाँ अभी सुब कुछ संभव है !आज बिहार दिवस के विशेष अवसर कटिहार लाइव कि सक्रिय लेखिका ओली गुहा द्वारा प्रस्तुत आलेख ...............       

आज हम गर्व से कहतें हैं कि हम बिहारी हैं 
   बिहार राज्य में फैले विहारों(बौध मठ) के कारण ही इस राज्य का नाम बिहार रखा गया ! बौध काल के सोलह महाजनपद में से तिन महाजनपद बज्जी-,अंग तथा मगध बिहार राज्य में ही हैं !मगध भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनी रही !भारत का तत्कालीन तीन विश्वविद्यालय नालंदा ,ओदंतपुरी और विक्रमशिला बिहार में ही स्थित थे !अंग्रेज ने भी १६५२ ई० में पटना में अपना व्यापारिक केंद्र बनाया !१९१७ ई० में चंपारण से ही महात्मा गाँधी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग शुरू किया था! २२ मार्च १९११ को दिल्ली में आयोजित शाही दरबार में बिहार ओड़िसा के क्षेत्र  को बंगाल से पृथक कर एक नए प्रांत में संगठित किया है !इस दिन से बिहार राज्य का नाम आस्तित्व में आया और हम बिहार दिवस के रूप में मानाने लगे !१९३६ ई० बिहार से ओड़िसा को अलग कर नया प्रान्त बनाया गया ! एक बार पुनः राजनीति सरगर्मी के कारण १५ नवम्बर २००० को बिहार से उसका प्रिय अंग झारखण्ड अलग कर दिया गया ! हम बिहार बार-बार खंडित हुए पर हम बिखरें नहीं !यही बिहार जहाँ आर्यभट्ट जन्में ,यही बिहार जहाँ,बुद्ध , महावीर ,अशोक जैसे महापुरुष सत्य और अहिंसा का पथ संसार को पढाया ! वही बिहार है जहाँ राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश जैसे लाल जन्में !
कुछ दिन पूर्व महाराष्ट और असम जैसे राज्यों में बिहारियों के साथ जो घटनाएँ घटी वो आज भी हमारे जेहन में बसा है ,क्या हम हर गए ? नही,हमारा बिहार तो निरंतर आगे बढ़ रहा है और बढ़ता रहेगा !
कोण कहता है की आसमा में सुराग नही हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों ! यह लोकोक्ति सत्य हो रहा है ! हम मानतें हैं कि कुछ असमाजिक तत्वों ने हमारे राज्य में अशांति फैला रहा है लेकिन हम जरुर उससे छुटकारा पा लेंगें !आज बिहार कि चर्चा पुरे विश्व में हो रही है विकिलीक्स जैसे दुनिया में तहलका मचने वाली साईट पैर भी ........... इसलिए तो आज हम गर्व से कहतें हैं कि हम बिहारी हैं !!!!

बिहार स्थापना दिवस 2011


गंगा मैया के चरण स्पर्श में रहने वाला बिहार की इस धरती को मेरा कोटि-कोटि नमन ! आज सर्वगुण संपन्न बिहार को शतायु होने का गौरव प्राप्त हुआ है ! 94,163 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ बिहार भारत देश के एक प्रतिष्ठित राज्यों में एक है ! उत्तर दिशा में नेपाल, दक्षिण में झारखण्ड, पूर्व में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में उत्तर प्रदेस इसके सीमावर्ती राज्य हैं ! उत्तर से दक्षिण 360 कि० मी० लम्बाई और पूर्व से पश्चिम 483 कि० मी० चौड़ाई में राज्य का विस्तार है !
          १२वी० सताब्दी के अंत में नालंदा और औदंत्पुरी  के निकट 'बौध्द विहारों' की बहुसंख्या के कारण इस राज्य का नाम 'विहार' पड़ा; जो कालांतर में 'बिहार' नाम से प्रचलित हुआ ! स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीरो को जन्म देने वाला बिहार महात्मा बुद्ध, 24 जैन तीर्थकारो, ऋषि-मुनियों तथा अनेकानेक प्रमुख व्यक्तियों की कर्मभूमि तथा जन्मभूमि रही है ! महात्मा गाँधी का प्रिय स्थान में से एक बिहार भी था जो उनको प्रिय था !
      राज्य भाषा हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी, मैथली, उर्दू, मागधी भी यहाँ के छेत्रिय भाषा हैं ! आज भोजपुरी फिल्म बिहार की एक अलग ही पहचान दे रही है ! मधुबनी एवं पटना चित्रकला शैली यहाँ की कला एवं संस्कृति दर्शाती  है ! सोनपुर का मेला बिहार की एक अलग ही छवि प्रदान करती है ! राजधानी पटना के अलावे भागलपुर, मुजफ्फरपुर, बरोनी, कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर, मधुवनी समस्तीपुर यहाँ के प्रमुख नगर हैं ! पटना, हाजीपुर, आरा, बरोनी, कटिहार, एवं गया यहाँ के प्रमुख रेलवे जंक्शन है ! 
                                  आज बिहार विकाश की पटरी पर एक रफ़्तार से चल पड़ा है ! अब वो दिन दूर नहीं रहा जब बिहार को एक विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए ! भ्रस्टाचार यहाँ का मुख्य परेशानी थी जो आज धीरे-धीरे समाप्त होते जा रही है ! आज बिहार की महिलाएं को आगे आने का मौका मिला है तथा इसका लाभ उठाते हुए उन्होंने पुरुष के मुकाबले बेहतर कार्य किया है; इसी का नतीजा है, की राज्य में महिलाओ के साक्षर होने की प्रतिशतता बढ़ते जा रही है ! बिहार के युवा वर्ग में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस मौका मिलना चाहिए वो बेहतर से और बेहतर करके दिखा सकते हैं ! शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल समस्या, बिजली, सड़क, संचार आदि मुख्य एवं बुनियादी समस्या रही है जिसमे से हमने तो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार, जल समस्या पर लगभग जीत पा चुके हैं ! बिजली, तथा रोजगार अभी यहाँ की मुख्य समस्या में से एक है जिसका नतीजा है की लोग आज भी अपने राज्य को छोड़ कर पडोसी राज्यों में रोजगार की तलास में निकल जाते है, जिस दिन इस समस्या का हल हमें मिल जाएगा उस दिन बिहार सबसे सुखी और समृद्ध राज्य के रूप में गिना जाने लगेगा ! 
                                 किसी भी कार्य को सफल बनाने में युवा वर्ग की विशेष भूमिका होती है ! बिहार के युवा वर्ग में इतनी प्रतिभा है की वो किसी भी कार्य को बखूबी निभा सकते है तो आइये हम युवा आज बिहार दिवस के मौके पे संकल्प लें की जाति, सम्प्रदाय, उंच-नीच से परे होकर एक गौरवशाली तथा विकशित बिहार बनाने का वचन ले ,  ताकि हम गर्व से कह सकें की हाँ मै एक "बिहारी" हूँ ! 
                                                       "जय बिहार जय बिहारी"
                                                        "जय हिन्द जय भारत"     
                                        
          "आलेख -टिंकू कुमार चौधरी"

Saturday, March 19, 2011

बुरा न मनो होली है

जिनकी है जेबें खाली,उनकी क्या होली क्या दिवाली
एक तो है ये महंगाई,उसके ऊपर पानी की आफत आई !
जिनकी जल से मिलती है सबको  मुक्ति,
उसी गंगा के किनारे बसे लोगों की यह युक्ति !
मार्च के महीने से ही है बुरा हाल,
आगे के चार महीने में होगा सब बेहाल !
नालों के आगे लगी लम्बी कतार,
पानी भरने की जल्दी में सब कर रहें हैं मार! 
रोटी और चावल तो किसी प्रकार खरीद लेंगे
पर क्या होली में सब मांस-मछली खा पाएंगे ?
पिने वाले तो अपनी जुगार बैठा ही लेंगे 
पर क्या ऐसी होली हम मानना चाहेंगे ?
क्यों न हम ऐसा करें अबकी होली ही न मनाएं ,
करें विनती प्रभु से की जापानियों को उनके बिचारें मिल जाये 
जिस विपदा में वह आज है, वो तो विकसित देशों का राज है !
हम विज्ञानं को कहतें हैं वरदान ,वही ले रहा है निर्दोषों की जान!
हमने जिसे आत्मरक्षा के लिए बनवाएं .वही हम पैर इतने जुल्म धायें !
लेकिन एक बात तोह है साफ़ जीतनी भी देशें हैं शक्तिशाली 
चाहे रूस,भारत,हो या अमेरिका ,नहीं है कोई खतरों से खाली !
हमें जैसा लगा हमने है लिख डाली .......... बुरा न मनो होली है .............
आलेख़-ओली गुहा 
aouliguha@gmail .com

Tuesday, March 8, 2011

आज नारी अबला नहीं .....

ओली गुहा
आज नारी अबला नहीं वह सिर्फ़ दया और सहानुभूति के पात्र हि नही वह तो सृष्टि का मूल है ! वह कुछ  भी कर सकती है, बस एक मौका चाहिये ! सिर्फ़ महिला दिवस मानने से कुछः नही  होता, महिला को दिल से सम्मान करो ! इस समाज मे नारी का भी उतना हि अधिकार है जितना पुरुष का, तो फ़िर् यह भेद-भाव क्यों ? क्यो लडकी के जन्म होने से परिवार् वाले दुखीं क्यो होते हैं ? क्यो दहेज जैसी,जालीम  प्रथा इतने अच्छे से फल-फुल रही है ? क्या लड़कियों को पालने मे, शिक्षा देने मे, उसे अच्छे नागरिक बनाने मे उसके पिता को खर्च नहि होता ? तो फ़िर् यह दहेज क्यो ? लड़का के पिता को शिकायत रहती  है कि हमने अपने बेटे को लायक बनाने में बहुत खर्च किया है,तो क्या उसका वसूली भी आप करोगे ? यह तो माँ-बाप का कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे उन्हें अच्छे ढंग से परवरिश करें !आज भ्रूण-हत्या भी इसी का परिणाम है !पंजाब, हरियाणा,जैसे कई राज्यों में लड़किओं कि संख्यां घटी जा रही है,अभी तो  ये हालत है आगे चलकर क्या होगा जरा सोचिये ? तब हालात क्या होगी?
आज महिला दिवस है इसके उपलक्ष्य में हमें संकल्प लेना होगा कि महिला का दिल से सम्मान और उचित स्थान दो उसके हक़ में है !इस पुरुष प्रधान समाज में उस रुढ़िवादी प्रथा को तोडना ही होगा कि "कोई कम महिला वश कि बात नही" !आज तो महिला हर क्षेत्र में आगे है , आप जिधर भी नजर दौडाएं आप वहीँ महिला को भी पाएंगे ! आज भी महिला आरक्षण बिल संसद में लटका हुआ है यह तो हमारी संकुचित मानसिकता नही है तो और क्या है ? क्या इस देश का सेवा करने का अधिकार पुरुष महिला को बराबर नही है ? इस दिशा में बिहार सरकार कि पहल काबिले तारीफ है जो महिलायों को जागृत एवं शिक्षित करने के  लिए कई योजनायें ला रही है  ! एक महिला शिक्षित होगी तो सारा परिवार शिक्षित और समृद्ध होगा !
आलेख -ओली गुहा ,मनिहारी कटिहार 
aouliguha@gmail.com

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