स्मोकिंग बैन तो लगा दिया पर अब इसका क्या हुआ, यह जानने की फुरसत सरकार को नहीं है। मुझे समझ नहीं आता कि हमारी सरकार पश्चिमी देशों के परिणाम से तुलना क्यूं कर रही थी, जब वे स्मोकिंग बैन लगा रही थीं। इसे यहां पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सकता। यह तो सबको पता था। यदि बैन लगाना ही था तो सेल/मैन्युफैक्चरिंग, आयात और सिगरेट, तम्बाकू, बीडी़ आदि के निर्यात समेत सब पर बैन क्यों नहीं लगाया?
सरकार दोहरे मानदंड अपना रही है। वह तम्बाकू/ सिगरेट/बीड़ी से मिलनेवाला राजस्व नहीं खोना चाहती। साथ में लोग यदि धूम्रपान कर भी रहे हैं तो उनकी सहेत की चिता सरकार क्यूं करे?
यदि एक कमरे में ये लोग बैठकर स्मोकिंग करते हैं तो सरकार को क्या प्रॉब्लम है? कम से कम घर में, बच्चों और महिलाओं का स्वास्थ्य तो ठीक रह सकता है। ये लोग हर तरफ गंभीर समस्या पैदा कर रहे हैं। धूम्रपान करने वालों को कोई तो जगह की जरूरत है। कब जागेगी यह सरकार? आज तक सार्वजनिक स्थानों कितने धूम्रपान करनेवालों को पकड़ा गया है, इसका उत्तर किसके पास है?
यदि एक कमरे में ये लोग बैठकर स्मोकिंग करते हैं तो सरकार को क्या प्रॉब्लम है? कम से कम घर में, बच्चों और महिलाओं का स्वास्थ्य तो ठीक रह सकता है। ये लोग हर तरफ गंभीर समस्या पैदा कर रहे हैं। धूम्रपान करने वालों को कोई तो जगह की जरूरत है। कब जागेगी यह सरकार? आज तक सार्वजनिक स्थानों कितने धूम्रपान करनेवालों को पकड़ा गया है, इसका उत्तर किसके पास है?
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